
पता चल रहा है कि जो जज साहब वारिस पठान ओवैसी भाई सोनिया गांधी प्रियंका गांधी और शाहीन बाग में दिए जा रहे दूसरे हजारों नफरत वाले भाषणों को सुनकर सिर्फ कपिल मिश्रा का भाषण सुने वह जज साहब जज बनने के पहले 10 सालों तक कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी के असिस्टेंट हुआ करते थे और कांग्रेश के जमाने के कॉलेजियम ने ही उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाया था
इतना ही नहीं सोनिया गांधी का पर्चा भरते समय वह सोनिया गांधी के वकील थे
मिलार्ड न्याय नही बल्कि नमक का कर्ज अदा कर रहे हैं
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