
क्या आप जानते हैं कि चुनावों में मुस्लिम किसके साथ होते हैं ???
क्या आप जानते हैं कि चुनावों में मुस्लिम किसके साथ होते हैं ???
मेरे इस सवाल के जबाब में बहुत से मित्र बोलेंगे खान्ग्रेस के साथ, बसपा के साथ, TMC के साथ या फिर RJD वगैरह…
लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि… “ये सब सोच गलत है”.
मुस्लिम… “किसी के साथ नहीं” होते हैं…. बल्कि, वे अपने “इस्लाम” या फिर “दारुल इस्लाम” के साथ होते हैं…!
ये हर उस पार्टी के साथ होंगे जो… अपने राज में इस्लाम को बढ़ावा देगा या फिर देने की इच्छा रखता है.
उदाहरण के तौर पर…. मान लें कि आज मुस्लिम समुदाय TMC के साथ खड़ा है… लेकिन, कल को अगर ममता बनर्जी …. बीजेपी के साथ आ जाये तो फिर मुस्लिम “TMC को वोट नहीं” देंगे.
इसी तरह… आज राजद को आंख बंद करके वोट देने वाला मुस्लिम … राजद के भाजपा से गठबंधन होते ही …. राजद से दूर हो जाएगा.
मतलब कि… मुस्लिम समुदाय का वोट “”देश या विकास के लिए नहीं”” बल्कि… अपने इस्लाम और “”दारुल इस्लाम की स्थापना के लिए”” होता है.
और, बीजेपी तथा संघ से उनके नफरत का भी यही कारण है…!
असल में मुस्लिम… “सेक्युलर ढांचा में विश्वास नहीं” करते हैं ..और, किसी भी कीमत पर “”दुनिया के हरेक कोने में इस्लामी शासन”” चाहते हैं.
और, हमारे देश में संघ और बीजेपी उनके इस मंसूबे को पूरा करने में सबसे बड़े बाधक हैं.
बीजेपी और संघ के होते हुए वे अपना “दारुल इस्लाम” का एजेंडा आगे नहीं बढ़ा पाते हैं…
इसीलिए, वे हर उस पार्टी को वोट देने के लिए तैयार रहते हैं जिनमें उन्हें बीजेपी को हराने की थोड़ी भी क्षमता दिखाई देती है.
देश में फैली असहिष्णुता भी इसी बात की है…
असल में, असहिष्णुता इस बात की नहीं है कि.. यहाँ रहने में दिक्कत है बल्कि… असहिष्णुता इस बात की है कि…. उन्हें अपना दारुल इस्लाम का एजेंडा बढ़ाने नहीं दिया जा रहा है.
लेकिन, इन सबके बीच हमें गंभीरता से इस बात पर सोचने की जरूरत है कि…. जब वे इतना कुत्सित और खतरनाक मंसूबा लेकर आगे बढ़ रहे हैं तो हमें क्या करना चाहिए ???
इसका बहुत ही सीधा सा जबाब आचार्य चाणक्य ने बहुत पहले ही बता दिया है…
आग से आग बन मिलो , पानी से बन पानी…!
गरल का उत्तर है प्रतिगरल, यही कहते जग के ज्ञानी..!!
अर्थात…. अगर देश में दारुल इस्लाम की स्थापना के लिए जी जान लगाए हुए हैं तो…
हम भी उस पार्टी और व्यक्ति को चुनकर लाएंगे… जो उनके इस कुत्सित मंसूबों को चकनाचूर कर सके…!!
अगर, हम ऐसा नहीं करते हैं तो यकीन मानिए कि हम बहुत ही जल्द अपनी बहु-बेटियों को हिजाब में देखने और उन्हें जजिया कर देने की व्यवस्था कर रहे हैं.
बाकी, जिंदगी आपकी… इसीलिए फैसला भी आपको ही करना है कि आप क्या चाहते हैं ???