
कुछ ऐसे हो रहा है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में ‘सबका साथ सबका विकास’
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जब 2014 लोकसभा चुनावों का प्रचार अभियान आरम्भ किया था तभी से ‘सबका साथ सबका विकास’ नारा उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करने लग गया। हालांकि इस नारे का कार्यान्वयन वे अपने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए करते आये थे, पर अखिल भारतीय स्तर पर ये सबकुछ कर पाना इतना भी आसान नहीं था। परन्तु जिस तरह गुजरात के भुज में आये भयानक भूकंप की तबाही के बाद मोदी जी ने गुजरात को सफलता के पथ पर तीव्रता से बढ़ाया था उसी प्रकार यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार वाले दल-दल में डूबे भारत को मोदी जी ने बहुत हद तक सफलता के सफर पर अग्रसर कर दिया।
आज सरकार विकास की तेज रफ्तार में समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है जिससे किसी एक विशेष वर्ग को लाभ मिलने के बजाय पूरा भारत एक साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दलितों और पिछड़े वर्ग के साथ साथ सामान्य वर्ग के वंचित लोगों तथा महिलाओं के विकास का भी पूरा पूरा ख्याल रखा है। यही तो प्रधानमंत्री मोदी जी के उस ‘सबका साथ-सबका विकास’ वाले नारे का मूल मन्त्र भी है और यही मन्त्र उनकी योजनाओं और कार्यक्रमों में भी बखूबी नजर आता है।
अगर बात दलितों के उत्थान की करें तो ‘दलित एट्रोसिटी एक्ट’ पर संविधान संशोधन करना, मुंबई, दिल्ली और लंदन आदि शहरों में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर जी के स्मारक बनाना, मुंबई में बाबा साहब की 250 मीटर ऊंची प्रतिमा का निर्माण करवाना आदि कुछ ऐसे कदम रहे जो अहम् माने जा सकते हैं। इसके अलावा दलित आरक्षण के बारे में विपक्ष द्वारा अफवाह फैलाने पर सरकार द्वारा दृढ़ता से ये कहना कि ‘दलितों को मिलने वाला आरक्षण कोई हटा नहीं सकता’ दलित वर्ग में मोदी जी को और ज्यादा लोकप्रिय बना गया।